महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) ग्रामीण भारत की आजीविका का एक महत्वपूर्ण आधार है। इस योजना की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए, केंद्र सरकार ने National Mobile Monitoring System (NMMS) App के माध्यम से श्रमिकों की डिजिटल उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। वर्ष 2025 में, NMMS प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव और उससे जुड़े विवाद सामने आए हैं, जिनका सीधा असर मनरेगा श्रमिकों पर पड़ रहा है।
NMMS App क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
NMMS App को मनरेगा कार्यस्थलों पर श्रमिकों की वास्तविक समय (real-time) उपस्थिति दर्ज करने के लिए लॉन्च किया गया था। इस प्रणाली के तहत, कार्यस्थल पर दो बार – काम शुरू होने से पहले और काम खत्म होने के बाद – जियो-टैग (geo-tagged) और टाइम-स्टैम्प्ड (time-stamped) तस्वीरें अपलोड करना अनिवार्य है।
उद्देश्य:
- पारदर्शिता: फर्जी हाज़िरी और भ्रष्टाचार को रोकना।
- दक्षता: भुगतान प्रक्रिया को तेज़ करना और कागज़ी कार्रवाई को कम करना।
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2025 में NMMS उपस्थिति प्रणाली में मुख्य बदलाव
हाल ही में, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने NMMS App के कथित दुरुपयोग और हेरफेर (misuse and manipulation) को स्वीकार करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश NMMS प्रणाली की कमियों को दूर करने पर केंद्रित हैं, लेकिन इन्होंने प्रशासनिक कार्यभार और श्रमिकों की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।
- मैनुअल सत्यापन (Manual Verification) को फिर से शुरू करना: डिजिटल उपस्थिति में विसंगतियों को देखते हुए, मंत्रालय ने राज्य, जिला और ब्लॉक स्तरों पर NMMS निगरानी प्रकोष्ठ (Monitoring Cells) बनाने का निर्देश दिया है। ये प्रकोष्ठ NMMS डेटा और अपलोड की गई तस्वीरों का 100% मैनुअल सत्यापन करेंगे।
- वेतन पर सख्त नियम: नए प्रावधानों के तहत, अब वेतन सूची (wage list) तभी तैयार होगी जब NMMS App पर सुबह और शाम दोनों समय की तस्वीरें अपलोड की गई हों।
- यदि केवल एक तस्वीर अपलोड होती है, तो श्रमिक को केवल आधे दिन का वेतन मिलेगा।
- यदि कोई भी तस्वीर अपलोड नहीं होती है, तो कोई वेतन जारी नहीं किया जाएगा, भले ही श्रमिक ने काम किया हो।
- फेस-स्कैनिंग तकनीक (Face-Scanning Technology): कुछ राज्यों (जैसे हिमाचल प्रदेश) में NMMS App के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने के लिए चेहरे की पहचान (Face Recognition) और फेस-स्कैनिंग तकनीक को अपनाया गया है, ताकि उपस्थिति की प्रामाणिकता सुनिश्चित की जा सके।
मनरेगा श्रमिकों के लिए NMMS App से जुड़ी चुनौतियाँ
जहां NMMS पारदर्शिता के लिए एक उपकरण है, वहीं जमीनी स्तर पर इसने श्रमिकों और मज़दूर मेट (Mates) के लिए कई चुनौतियां खड़ी की हैं:
- इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या: ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में अक्सर कमजोर इंटरनेट कनेक्शन होता है, जिससे NMMS App पर समय पर उपस्थिति और फोटो अपलोड करना मुश्किल हो जाता है। तकनीकी खराबी के कारण उपस्थिति दर्ज न होने पर भी श्रमिकों का वेतन काट लिया जाता है।
- डिजिटल साक्षरता और डिवाइस की कमी: NMMS App के उपयोग के लिए स्मार्टफोन, डेटा प्लान और डिजिटल साक्षरता की आवश्यकता होती है, जो कई गरीब ग्रामीण श्रमिकों के लिए एक बड़ी बाधा है।
- प्रशासनिक बोझ: निगरानी प्रकोष्ठों द्वारा 100% मैनुअल सत्यापन का नया आदेश पहले से ही सीमित कर्मचारियों वाले प्रशासनिक तंत्र पर अतिरिक्त बोझ डालता है।
- कार्य-आधारित भुगतान का उल्लंघन: आलोचकों का तर्क है कि मनरेगा एक कार्य-आधारित योजना है (यानी, भुगतान किए गए काम के माप पर निर्भर करता है, न कि केवल हाज़िरी पर)। NMMS सिर्फ हाज़िरी पर ध्यान केंद्रित करता है और श्रमिक द्वारा किए गए वास्तविक काम को प्रमाणित नहीं करता है।
- आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (ABPS): NMMS के साथ ही, ABPS को भी अनिवार्य बनाए जाने से उन लाखों श्रमिकों के सामने नई दिक्कतें आई हैं जिनके बैंक खाते आधार से सही ढंग से लिंक नहीं हैं, जिससे वेतन मिलने में और देरी होती है।
नरेगा हाजिरी (Attendance) और काम के दिन ऑनलाइन कैसे चेक करें?
मनरेगा की हाजिरी (Attendance) और काम के दिनों की विस्तृत रिपोर्ट आप मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट NREGASoft पर आसानी से देख सकते हैं।
स्टेप 1: आधिकारिक MGNREGA वेबसाइट पर जाएँ
सबसे पहले, अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर भारत सरकार की मनरेगा की आधिकारिक वेबसाइट nrega.nic.in पर जाएँ।
स्टेप 2: ‘रिपोर्ट्स’ सेक्शन में जाएँ
होमपेज पर, आपको ‘Quick Access’ या ‘Reports’ का सेक्शन मिलेगा। आप सीधा ‘Transparency & Accountability’ सेक्शन के तहत ‘Job Card/Employment Register’ लिंक पर भी क्लिक कर सकते हैं।
स्टेप 3: अपना राज्य (State) चुनें
एक नया पेज खुलेगा जहाँ आपको भारत के सभी राज्यों की सूची मिलेगी। अपनी संबंधित राज्य (State) के नाम पर क्लिक करें।
स्टेप 4: वित्तीय वर्ष (Financial Year) और विवरण भरें
अब आप एक रिपोर्टिंग पेज पर पहुँचेंगे। यहाँ आपको निम्नलिखित विवरण चुनने होंगे:
- वित्तीय वर्ष (Financial Year): 2024-2025 या जिस वर्ष की रिपोर्ट आप देखना चाहते हैं, उसे चुनें।
- जिला (District): अपने जिले का चयन करें।
- ब्लॉक (Block): अपने ब्लॉक का चयन करें।
- पंचायत (Panchayat): अपनी ग्राम पंचायत का चयन करें।
सभी विवरण भरकर ‘Proceed’ बटन पर क्लिक करें।
स्टेप 5: ‘Employment Register’ या ‘मस्टर रोल’ चेक करें
अगले पेज पर, अलग-अलग प्रकार की रिपोर्ट्स की सूची दिखाई देगी। अपनी हाजिरी और काम के दिनों की जाँच करने के लिए:
- ‘R1. Demands, Allocation & Attendance Report’ सेक्शन में जाएँ।
- ‘R1.1. Employment Register (रोज़गार रजिस्टर)’ लिंक पर क्लिक करें।
स्टेप 6: अपनी Job Card संख्या और विवरण देखें
- रोज़गार रजिस्टर (Employment Register) में आपकी ग्राम पंचायत के सभी Job Card धारकों की सूची दिखाई देगी।
- अपनी Job Card संख्या या अपने नाम को खोजें और उस पर क्लिक करें।
- अब, एक विस्तृत Job Card खुल जाएगा। इसी कार्ड में आप देख सकते हैं कि:
- आपने किस काम (Works) के लिए कितने दिन हाज़िरी लगाई है।
- आपके परिवार ने वित्तीय वर्ष में कुल कितने दिन का काम पूरा कर लिया है।
- आपको किस तारीख को कितना वेतन (Wage) मिला है।
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NMMS App से हाजिरी कैसे पता चलती है?
वर्ष 2025 में, मनरेगा की हाज़िरी अब मुख्य रूप से National Mobile Monitoring System (NMMS) App के ज़रिए दर्ज की जाती है।
- कार्यस्थल पर ‘मेट’ या पर्यवेक्षक (Supervisor) सुबह और शाम, दो बार आपकी जियो-टैग (Geo-tagged) फोटो खींचते हैं।
- यह फोटो NMMS App के माध्यम से सीधे सरकारी सर्वर पर अपलोड होती है।
- NMMS App पर सफलतापूर्वक अपलोड हुई ये हाज़िरी ही आपकी अंतिम उपस्थिति मानी जाती है और इसी के आधार पर आपका वेतन तय होता है।
- यदि ऐप में कोई तकनीकी समस्या आती है या फोटो अपलोड नहीं हो पाती है, तो आपको अनुपस्थित (Absent) माना जा सकता है, जिससे आपका काम का दिन और वेतन कट सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
| सवाल | जवाब |
| मनरेगा में कितने दिन का काम मिलता है? | एक वित्तीय वर्ष में, प्रत्येक पंजीकृत परिवार को 100 दिनों के गारंटीशुदा रोज़गार का अधिकार है। सूखाग्रस्त या प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में यह सीमा बढ़ाई जा सकती है। |
| हाजिरी न चढ़ने पर क्या करें? | यदि आपको लगता है कि आपकी सही हाजिरी नहीं चढ़ी है, तो तुरंत अपने ग्राम पंचायत सचिव (Gram Panchayat Secretary), रोजगार सहायक, या ब्लॉक ऑफिस में शिकायत दर्ज कराएँ। तकनीकी समस्याओं के कारण हाजिरी में गड़बड़ी आम है। |
| क्या NMMS App से हाजिरी देखना ज़रूरी है? | NMMS App से हाजिरी दर्ज होती है, लेकिन आम श्रमिक nrega.nic.in पर दिए गए ‘Employment Register’ में अपना अंतिम रिकॉर्ड ही चेक कर सकते हैं। |
निष्कर्ष: पारदर्शिता बनाम व्यवहार्यता
MGNREGA Attendance 2025 एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। NMMS App का लक्ष्य नेक है – भ्रष्टाचार को कम करना और पारदर्शिता बढ़ाना। हालाँकि, खराब कनेक्टिविटी, डिजिटल डिवाइड और ऐप में तकनीकी खामियों के कारण, यह प्रणाली अक्सर उन श्रमिकों के लिए दंडात्मक (punitive) साबित हुई है जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
केंद्र सरकार द्वारा NMMS में हेरफेर को स्वीकार करना और मैनुअल सत्यापन को फिर से शुरू करना इस बात का प्रमाण है कि डिजिटल समाधानों को लागू करने से पहले जमीनी हकीकत पर ध्यान देना ज़रूरी है। NMMS को सफल बनाने के लिए, सरकार को श्रमिकों की कठिनाइयों को दूर करने के लिए तकनीकी सुधार करने होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट तथा डिजिटल साक्षरता के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना होगा।