Ek Parivar Ek Naukri Yojana 2025: क्या है सच्चाई, उद्देश्य और आवेदन प्रक्रिया?

Ek Parivar Ek Naukri Yojana 2025 पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया और इंटरनेट पर चर्चा का विषय बनी हुई है। यह योजना इस वादे के साथ वायरल हो रही है कि केंद्र सरकार देश के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। देश में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या के बीच, यह दावा शिक्षित युवाओं और उनके परिवारों के लिए उम्मीद की एक बड़ी किरण लेकर आता है।

लेकिन क्या यह दावा सच है? क्या वास्तव में “एक परिवार एक नौकरी योजना 2025” नाम की कोई आधिकारिक योजना है जिसके तहत सीधी सरकारी भर्ती की जा रही है?

‘एक परिवार एक नौकरी योजना 2025’ की सच्चाई

यह समझना आवश्यक है कि “एक परिवार एक नौकरी योजना 2025” (One Family One Job Scheme 2025) नाम से केंद्र सरकार की कोई आधिकारिक योजना अस्तित्व में नहीं है।

यह दावा कि केंद्र सरकार हर घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे रही है, पूरी तरह से फर्जी (Fake Claim) और भ्रामक (Misleading) है। सरकारी विभागों और आधिकारिक फैक्ट-चेक पोर्टल्स द्वारा समय-समय पर यह पुष्टि की गई है कि इस नाम से कोई योजना शुरू नहीं की गई है। इस तरह के दावे अक्सर विभिन्न अनाधिकारिक वेबसाइटों, सोशल मीडिया पोस्ट और यूट्यूब चैनलों पर फैलाए जाते हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य लोगों को भ्रमित करना या उनके व्यक्तिगत डेटा को इकट्ठा करना होता है।

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात है जिसे हर नागरिक को जानना चाहिए: भारत सरकार की ऐसी किसी भी बड़ी योजना के लिए आधिकारिक घोषणाएं प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों (जैसे श्रम और रोजगार मंत्रालय), या प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के माध्यम से की जाती हैं।

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इस भ्रामक योजना के वायरल होने के कारण

चूंकि इस नाम से कोई आधिकारिक योजना नहीं है, तो फिर यह इतना वायरल क्यों है? इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:

1. बेरोजगारी की बड़ी समस्या

भारत में शिक्षित और बेरोजगार युवाओं की संख्या काफी अधिक है। ऐसे में, जब उन्हें ‘हर परिवार को एक सरकारी नौकरी’ जैसा आकर्षक प्रस्ताव मिलता है, तो वे तुरंत इस पर भरोसा कर लेते हैं और जानकारी साझा करते हैं। यह प्रस्ताव उनकी सबसे बड़ी ज़रूरत को पूरा करने का झूठा वादा करता है।

2. आकर्षक वेतन और पद का लालच

वायरल संदेशों में अक्सर आकर्षक वेतन (जैसे ₹40,000 से अधिक) और बिना परीक्षा के सीधी भर्ती जैसे दावे किए जाते हैं। ये दावे युवाओं को तुरंत आवेदन करने के लिए प्रेरित करते हैं।

3. सिक्किम का ‘एक परिवार एक नौकरी’ मॉडल

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सिक्किम राज्य में ‘एक परिवार एक नौकरी योजना’ (Ek Parivar Ek Naukri Scheme) नाम की एक वास्तविक योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, राज्य के उन परिवारों को सरकारी नौकरी दी गई थी जिनके परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी नहीं था। यह राज्य-विशिष्ट योजना थी, जिसका केंद्र सरकार की किसी राष्ट्रीय योजना से कोई संबंध नहीं है, लेकिन इसके नाम की समानता से पूरे देश में भ्रम फैल गया।

बेरोजगारी दूर करने के लिए केंद्र सरकार की वास्तविक योजनाएँ

चूँकि ‘एक परिवार एक नौकरी योजना’ फर्जी है, तो सरकार द्वारा बेरोजगारी कम करने और रोजगार सृजन के लिए कौन सी वास्तविक योजनाएँ चलाई जा रही हैं? सरकार का ध्यान मुख्य रूप से स्वरोजगार को बढ़ावा देने, कौशल विकास और उद्योगों में रोजगार के अवसर पैदा करने पर है। कुछ प्रमुख सरकारी योजनाएँ निम्नलिखित हैं:

1. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)

  • उद्देश्य: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पारंपरिक कारीगरों और बेरोजगार युवाओं को सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • लाभ: बैंक ऋण के माध्यम से ₹25 लाख तक की परियोजना लागत के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है।

2. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)

  • उद्देश्य: देश के युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना ताकि उनकी रोजगार क्षमता (Employability) बढ़ाई जा सके।
  • लाभ: मुफ्त कौशल प्रशिक्षण, मूल्यांकन और प्रमाणन, जिससे युवाओं को निजी क्षेत्र में नौकरी पाने में आसानी हो।

3. आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY)

  • उद्देश्य: COVID-19 महामारी के दौरान खोए हुए रोजगार को वापस लाने के लिए औपचारिक क्षेत्र में नए रोजगार सृजित करने के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना।
  • लाभ: सरकार कर्मचारी और/या नियोक्ता का भविष्य निधि (EPF) योगदान वहन करती है।

4. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)

  • उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों के गारंटीड मजदूरी रोजगार की कानूनी गारंटी देना, जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक श्रम करने के इच्छुक हैं।

5. पीएम विश्वकर्मा योजना

  • उद्देश्य: पारंपरिक कारीगरों (सुनार, लोहार, कुम्हार आदि) को कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण, और आसान ऋण की सुविधा देकर उनका उत्थान करना।

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धोखाधड़ी से बचने के लिए सुझाव

‘एक परिवार एक नौकरी योजना’ जैसे फर्जीवाड़ों से सुरक्षित रहने के लिए, आपको हमेशा सतर्क रहना चाहिए:

  1. आधिकारिक वेबसाइट जाँचें: किसी भी सरकारी योजना की जानकारी के लिए हमेशा सरकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (जिसके URL में ‘.gov.in’ या ‘.nic.in’ हो) या पीआईबी (PIB) की वेबसाइट पर जाँच करें।
  2. आवेदन शुल्क से बचें: केंद्र सरकार की अधिकांश प्रमुख रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवेदन शुल्क नहीं लिया जाता है। यदि कोई वेबसाइट आवेदन के लिए भारी भरकम राशि मांगती है, तो वह निश्चित रूप से फर्जी है।
  3. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: किसी भी अज्ञात वेबसाइट या मैसेज पर अपनी आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या या ओटीपी जैसी संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी कभी भी साझा न करें।
  4. सरकारी पोर्टल पर भरोसा करें: ‘MyGov’ या ‘Jan Soochna Portal’ जैसे सरकारी पोर्टलों पर ही योजना की जानकारी देखें।

निष्कर्ष

‘एक परिवार एक नौकरी योजना 2025’ का दावा एक अफवाह और फर्जीवाड़ा है। युवाओं को ऐसे भ्रामक दावों से दूर रहना चाहिए और अपना समय और प्रयास भारत सरकार की वास्तविक रोजगार सृजन और कौशल विकास योजनाओं पर केंद्रित करना चाहिए। बेरोजगारी एक गंभीर मुद्दा है, लेकिन इसका समाधान जागरूकता, सही कौशल और आधिकारिक सरकारी योजनाओं के माध्यम से ही संभव है, न कि फर्जी योजनाओं के माध्यम से।

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