भारत में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्रीय असंतुलन (regional imbalance) को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) की शुरुआत की थी। यह योजना केवल बीमारियों के इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के हर कोने में विश्व स्तरीय तृतीयक स्वास्थ्य सेवा (Tertiary Healthcare) सुविधाएँ और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने का एक महत्वाकांक्षी मिशन है।
PMSSY देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की एक व्यापक रणनीति है जिसके दो प्रमुख स्तंभ (Components) हैं:
नए AIIMS जैसे संस्थानों की स्थापना
AIIMS (All India Institute of Medical Sciences) देश में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और रोगी देखभाल के लिए उत्कृष्टता का केंद्र माना जाता है। PMSSY के तहत देश के उन क्षेत्रों में नए AIIMS जैसे संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं जहाँ सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है।
मुख्य विशेषताएं:
- विश्व स्तरीय सुविधाएँ: प्रत्येक नए AIIMS में 750 से 960 बिस्तरों (Beds) वाला अत्याधुनिक अस्पताल होता है, जिसमें 15-20 सुपर-स्पेशियलिटी विभाग (Super-Speciality Departments) शामिल होते हैं।
- शिक्षा का केंद्र: ये संस्थान प्रति वर्ष 100 से अधिक MBBS और 60 B.Sc. नर्सिंग छात्रों को प्रशिक्षित करने की क्षमता रखते हैं।
- लक्ष्य: क्षेत्रीय विषमताओं को दूर करना और लोगों को लंबी दूरी तय किए बिना अपने ही क्षेत्र में जटिल और उन्नत चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराना।
- उपलब्धि: योजना के तहत अब तक 22 से अधिक नए AIIMS स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से कई पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से कार्यशील हो चुके हैं (जैसे भोपाल, भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर, ऋषिकेश)।
मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उन्नयन (Upgradation)
नए संस्थानों को स्थापित करने के साथ-साथ, PMSSY का दूसरा महत्वपूर्ण लक्ष्य मौजूदा सरकारी मेडिकल कॉलेज संस्थानों (GMCIs) को अपग्रेड करना है। इसका उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य अवसंरचना (infrastructure) को मजबूत करना और उन्हें सुपर-स्पेशियलिटी सेवाओं के लिए तैयार करना है।
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उन्नयन के प्रमुख बिंदु:
- सुपर-स्पेशियलिटी ब्लॉक (SSB): GMCs में नए सुपर-स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है, जहाँ न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी जैसे उन्नत उपचार उपलब्ध हो सकें।
- बेड क्षमता में वृद्धि: अपग्रेडेड संस्थानों में आमतौर पर 150 से 250 अतिरिक्त बेड जोड़े जाते हैं ताकि अधिक रोगियों को सेवा दी जा सके।
- पीजी सीटों में वृद्धि: स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए, इन कॉलेजों में स्नातकोत्तर (PG) सीटों की संख्या भी बढ़ाई जाती है, जिससे देश को अधिक विशेषज्ञ चिकित्सक मिल सकें।
- ट्रॉमा केयर सेंटर: कई संस्थानों में उन्नत ट्रॉमा केयर सेंटर भी स्थापित किए गए हैं ताकि आपातकालीन और दुर्घटना के मामलों में तुरंत और विशेषज्ञ उपचार मिल सके।
- उपलब्धि: PMSSY के तहत अब तक 75 से अधिक सरकारी मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन की परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं।
PMSSY के लक्ष्य और देश पर प्रभाव
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए दूरगामी परिणाम वाली योजना है। इसके मुख्य लक्ष्य और प्रभाव निम्नलिखित हैं:
| उद्देश्य (Objectives) | प्रभाव (Impact on India’s Healthcare) |
| क्षेत्रीय असंतुलन दूर करना | दूर-दराज के और कम सेवा वाले राज्यों के नागरिकों को सस्ती दर पर उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच मिली है। |
| तृतीयक देखभाल का विस्तार | देश में सुपर-स्पेशियलिटी (Super-Speciality) उपचार सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ी है, जिससे गंभीर बीमारियों के लिए बड़े शहरों पर निर्भरता कम हुई है। |
| चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा | नए AIIMS और GMCs में सीटों की संख्या बढ़ने से हर साल हजारों छात्रों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है। |
| अनुसंधान और नवाचार | AIIMS को शिक्षण के साथ-साथ अनुसंधान (Research) और नवाचार का केंद्र बनाने पर जोर दिया गया है, जो स्वास्थ्य समाधानों के विकास में सहायक है। |
| विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता | PG सीटों की संख्या बढ़ने से देश में विशेषज्ञ (Specialist) और सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) मजबूत हो रही है। |
संक्षेप में, PMSSY केवल ईंट और मोर्टार (Building) बनाने की योजना नहीं है, बल्कि यह देश की स्वास्थ्य सुरक्षा की नींव को मजबूत करने, गुणवत्तापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने और सभी नागरिकों को समान स्वास्थ्य अवसर प्रदान करने की एक महत्वपूर्ण पहल है।