जमीन या मकान की रजिस्ट्री (Registration) हो जाने का मतलब यह नहीं है कि आपने उस संपत्ति पर पूर्ण स्वामित्व (Ownership) स्थापित कर लिया है। रजिस्ट्री केवल यह सुनिश्चित करती है कि लेन-देन आधिकारिक तौर पर दर्ज हो गया है। प्रॉपर्टी हाथ से न निकल जाए और आप कानूनी रूप से उसके असली मालिक बनें, इसके लिए रजिस्ट्री के तुरंत बाद आपको ये तीन सबसे ज़रूरी काम जल्द से जल्द पूरे करने चाहिए:
प्रॉपर्टी का तुरंत भौतिक कब्ज़ा (Possession) लें
रजिस्ट्री के तुरंत बाद, सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण काम है प्रॉपर्टी का भौतिक कब्ज़ा लेना।
- क्यों ज़रूरी: अगर विक्रेता (Seller) आपको कब्ज़ा देने में देरी करता है या मना करता है, तो यह भविष्य में कानूनी विवाद का कारण बन सकता है। अगर संपत्ति खाली पड़ी है और आपने कब्ज़ा नहीं लिया है, तो कोई तीसरा पक्ष उस पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर सकता है।
- कैसे करें:
- विक्रेता से कब्ज़ा प्रमाण पत्र (Possession Certificate) या कब्ज़ा सौंपने का दस्तावेज़ लें, जिस पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर हों।
- अगर यह खाली प्लॉट है, तो तुरंत बाउंड्री (फेंसिंग) कराएं, या मालिक होने का बोर्ड (जैसे: ‘यह संपत्ति श्री/श्रीमती [आपका नाम] के स्वामित्व में है’) लगाएं।
- अगर यह मकान या फ्लैट है, तो सभी चाबियाँ तुरंत प्राप्त करें।
दाखिल-खारिज (Mutation) कराएं
दाखिल-खारिज (या नामांतरण) वह कानूनी प्रक्रिया है जिसके द्वारा सरकारी राजस्व रिकॉर्ड (Revenue Records) में संपत्ति के मालिक का नाम विक्रेता के नाम से हटाकर आपके नाम पर दर्ज किया जाता है।
- क्यों ज़रूरी:
- रजिस्ट्री के बाद भी, जब तक दाख़िल-खारिज नहीं होता, सरकारी कागज़ात (जैसे खतौनी/जमाबंदी) में पुराना मालिक ही दर्ज रहता है।
- पुराना मालिक इसी रिकॉर्ड का फायदा उठाकर किसी और को प्रॉपर्टी बेच सकता है या उस पर लोन ले सकता है, जिससे आप कानूनी पचड़े में पड़ सकते हैं।
- मालिकान हक को कानूनी रूप से मजबूत करने के लिए दाखिल-खारिज सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
- कैसे करें:
- रजिस्ट्री के दस्तावेज़ों (सेल डीड) के साथ, स्थानीय तहसील कार्यालय या पटवारी कार्यालय/नगर निगम में दाखिल-खारिज के लिए आवेदन करें।
- यह काम रजिस्ट्री के बाद 2 से 3 महीने के भीतर करा लेना चाहिए।
सभी यूटिलिटी कनेक्शन और टैक्स अपने नाम कराएं
संपत्ति के असली मालिक के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए सभी संबंधित रिकॉर्ड्स को अपडेट करना ज़रूरी है।
- क्यों ज़रूरी:
- प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) की रसीदों पर आपका नाम होने से आपके स्वामित्व का एक और ठोस प्रमाण मिलता है।
- अगर बिजली और पानी के कनेक्शन पुराने मालिक के नाम पर हैं, तो वह इन्हें कभी भी कटवा सकता है, जिससे आपको परेशानी होगी।
- कैसे करें:
- नगर निगम या ग्राम पंचायत में जाकर प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड को अपने नाम पर हस्तांतरित कराएं।
- बिजली और पानी के कनेक्शन और उनकी जमा राशि (Security Deposit) को अपने नाम पर ट्रांसफर कराएं।
- बीते हुए सभी बकाया टैक्स और बिलों का निपटान सुनिश्चित करें।
महत्वपूर्ण नोट:
रजिस्ट्री केवल लेन-देन को दर्ज करती है, जबकि दाखिल-खारिज आपको सरकारी रिकॉर्ड में आधिकारिक मालिक बनाता है। दाखिल-खारिज में देरी, संपत्ति पर आपके कानूनी हक को कमजोर कर सकती है, इसलिए रजिस्ट्री के बाद इसे प्राथमिकता दें।